एशिया की सबसे बड़ी झुग्गीबस्ती धरावी (Dharavi) को लेकर अप्रैल और मई महीने में कहा जा रहा था कि यहां पर 'कोरोना विस्फोट' हो सकता है. तकरीबन दो महीने तक 5 हजार स्वास्थकर्मियों की मेहनत ने जून महीने में रंग दिखाना शुरू किया था. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने भी इसे बड़ी सफलता माना है.
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