उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बृहस्पतिवार को कहा कि न्यायिक या अर्ध-न्यायिक शक्ति (judicial or quasi-judicial power) का प्रयोग करने वाले प्रशासनिक प्राधिकरण (Administrative Authority) को अपने फैसले के कारणों को दर्ज करना होगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि कानून लिखित रूप में कारणों को दर्ज करने का दायित्व देता है, तो निस्संदेह इसका पालन किया जाना चाहिए और अगर इसका पालन नहीं किया गया तो यह क़ानून का उल्लंघन होगा.
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