सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 14 अगस्त को 108 पेज के फैसले में प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) को न्यायपालिका के प्रति दो ट्वीट के लिये आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था. अदालत ने कहा था कि इन ट्वीट को ‘जनहित में न्यायपालिका की कार्यशैली की स्वस्थ आलोचना के लिये किया गया’ नहीं कहा जा सकता.
from Latest News देश News18 हिंदी https://ift.tt/3gelDaP
via IFTTT
No comments:
Post a Comment