
स्वामी करपात्री महाराज (Swami Karpatri) बहुत बड़े संत थे. वाराणसी (Varanasi) में प्रवास करते थे. जब देश आजाद हुआ तो उन्होंने हिंदुत्व के एजेंडे पर 1948 में एक सियासी पार्टी रामराज्य परिषद (Akhil Bharatiya Ram Rajya Parishad) स्थापना की. इस पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव लड़े. जीत भी हासिल की. फिर क्या हुआ करपात्री महाराज की पार्टी का.
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