आर्चबिशप (Archbishop) ने कहा, कर्नाटक का पूरा ईसाई समुदाय इस प्रस्ताव (धर्म परिवर्तन विरोधी) का एकस्वर में विरोध करता है और ऐसे कानून की जरुरत पर सवाल उठाया जबकि पहले से ही इस संबंध में पर्याप्त कानून और अदालत (Court) के निर्देश मौजूद हैं. संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा कानून लाने से नागरिकों और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय (Minority Community) के लोगों के अधिकारों का हनन होगा.
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