नेटवर्क ने मानवाधिकारों पर संसद की संयुक्त समिति को लिखा, 'अधिकारियों द्वारा समुदायों या लोगों के साथ उनके विश्वास के आधार पर भेदभाव करने का कोई कानूनी औचित्य नहीं है. उनका काम हिंसा के जोखिम का आकलन और उसकी रोकथाम करना है.'
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