अधिवेशन के अंतिम दिन देशवासियों के नाम संदेश को पढ़ते हुए राज्यसभा के पूर्व सदस्य ने कहा, “तथाकथित संगठन इस्लाम के नाम पर जिहाद की गलत व्याख्या कर आतंकवाद और हिंसा का प्रचार करते हैं. वह ना तो देश के हित की दृष्टि से और ना ही इस्लाम के आदेशानुसार हमारे सहयोग के पात्र हैं. इसके विपरीत अपनी मातृभूमि के लिए बलिदान देने, निष्ठा और देशभक्ति हमारा राष्ट्रीय और कौमी (राष्ट्रीय) कर्तव्य है.
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