मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह 2021-22 में चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए तमिलनाडु द्वारा छोड़ी गई सीटों पर अखिल भारतीय आरक्षण (एआईक्यू) के तहत ओबीसी आरक्षण के कार्यान्वयन पर अपना रुख स्पष्ट करे. तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एपी साही के नेतृत्व वाली पहली पीठ ने 27 जुलाई, 2020 के अपने आदेश में कहा था कि राज्य द्वारा छोड़ी गई सीटों पर ओबीसी को आरक्षण देने में कोई संवैधानिक और कानूनी बाधा नहीं है.
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