लड़कियों की न्यूनतम विवाह योग्य आयु को 21 वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है. इसमें सभी धर्म की लड़कियां शामिल होंगी. इसको लेकर सरकार जल्द ही एक नया कानून लाने जा रही है. कैबिनेट के फैसले के अनुसार यह कानून 'बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006' (पीसीएमए) में संशोधन करेगा. सूत्रों ने बताया कि सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान 20 दिसंबर को संसद में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश कर सकती है.
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